मिले जहाँ भी गुण, अपनाओ,
अपने अवगुण नहीं छिपाओ,
तन बल, मन बल सदा बढ़ाओ,
मन में दृढ़ संकल्प रहे नित
मुख पर देशभक्ति का गण,
जीवन जीने योग्य बनाना |
वृद्धो का सन्मान करो तुम
दुखियों का दुःख नित्य हरो तुम
सबके मन में प्रेम भरो तुम
अपनी भूल मन लेने में,
कभी न पल की देर लगाना,
जीवन जीने योग्य बनाना |
दृष्टों से भयभीत न होना,
विपदाओं में धैर्य न खोना,
रो रो आँखें नहीं भिगोना,
देश धर्म की रक्षा हेतु तुम,
हँसते हँसते बलि न जाना,
जीवन जीने योग्य बनाना |
पुस्तक जीवन दोनों पढ़ना ,
ताल मेल दोनों में रखना,
श्रम के बल पर आगे बढ़ना,
दुःख में भी जो साथ निभांए ,
केवल उनको मिट बनाना,
जीवन जीने योग्य बनाना |
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