देश हमारा है सबसे न्यारा / हिंदी कविता
देश हमारा है सबसे न्यारा
कितना सुंदर कितना प्यारा
पर्वत ऊँचे - ऊँचे इसके करते हैं रखवाली
लंबी - लंबी नदियाँ इसकी हरियाली फैलती
फूलों जैसे लोग यहाँ के, खुशबू जैसा प्यार,
हर भाषा, हर रंग निराला, सबको एक विचार।
ताजमहल की शान जहाँ है, कश्मीर की वादी,
गंगा-यमुना बहे जहाँ पे, जैसी कोई ना घाटी।
सूरज सबसे पहले आता, अरुणाचल की भूमि में,
रेगिस्तान भी है यहाँ, थार की रेत जुबानी में।
त्याग, प्रेम और शौर्य की है ये पावन धरती,
वीरों ने लहू बहाया, तब जा के मिली है आज़ादी।
चलो सभी मिलकर बोलें,"जय हिंद! जय भारत माता की!"
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